Pencil का अविष्कार किसने किया और कब किया

दोस्तों, पेंसिल का इस्तेमाल तो आप सभी ने अपने बचपन में जरूर किया होगा लेकिन क्या आपको पता है Pencil का अविष्कार किसने किया और पेंसिल का अविष्कार कब हुआ था?

आज भले ही हम लिखने के लिए पेन का इस्तेमाल करते हो लेकिन जब हम छोटे थे तब हमे लिखने के लिए पेंसिल दी जाती है जिससे अगर हम कोई गलत अक्षर लिख दे तो उसे मिटाकर पुनः सही लिख सके।

पेंसिल से लिखा हुआ कुछ भी आप पुनः रबर की सहायता से मिटा सकते है और दोबारा सही अक्षर लिख सकते है। पेंसिल का इस्तेमाल तो हम सभी ने अपने जीवन में किया हुआ है लेकिन क्या आप जानते है पेंसिल की खोज किसने की और पेंसिल के आविष्कारक कौन है?

अगर आपके मन में भी इसी तरह के सवाल घूम रहे है तो आप बिलकुल सही पोस्ट पर आ चुके है क्योकि इस पोस्ट में हम आपको पेंसिल के आविष्कारक और इसके अविष्कार से सम्बंधित पूरी जानकारी विस्तार से देने वाले है इसलिए कृपया इस पोस्ट को ध्यानपूर्वक पूरा जरूर पढ़े।

Pencil क्या होता है? (What is Pencil in Hindi)

Pencil का अविष्कार किसने किया

पेंसिल एक ऐसा उपकरण होता है जो मुख्यतः लेखन और अंकन के लिए काम आता है। इसमें लकड़ी, प्लास्टिक या धातु के एक लम्बे और पतले आवरण के अंदर संलग्न हुए ग्रेफाइट की एक लीड होता है।

पेंसिल को मुख्यतः कागज़ और अन्य किसी सतह पर लिखने के लिए काम में लिया जाता है। पेंसिल का इस्तेमाल करने के लिए इसे आगे से छीलकर इस्तेमाल किया जाता है। बहुत से कलरफुल पेंसिल होते है जिसमे ग्रेफाइट की जगह रंगद्रव्य का इस्तेमाल किया जाता है और इन पेन्सिलों का इस्तेमाल किसी संशोधन के लिए या रंग भरने के लिए किया जाता है।

इस प्रकार पेंसिल के बारे में शायद आपको ज्यादा बताने ने जरुरत नहीं होगी तो चलिए अब हम जान लेते है पेंसिल के आविष्कारक कौन है?

Pencil का अविष्कार किसने किया

अगर बात करे पेंसिल के खोजकर्ता की तो सन 1795 में Nicholas-Jacques Conte ने पहली बार आधुनिक तरीके से पेंसिल का निर्माण किया था। हालाँकि उससे पहले भी ग्रेफाइट का इस्तेमाल लिखने के लिए किया जाता था लेकिन उसका तरीका बिलकुल अलग था।

क्या आपको पता है पेंसिल के अविष्कार के पीछे एक इंटरेस्टिंग कहानी है जिसके बारे में हम आगे बताने वाले है तो चलिए जानते है पेंसिल के अविष्कार का इतिहास और इसके अविष्कार की पूरी कहानी।

Pencil के अविष्कार का इतिहास

आपने देखा होगा वर्तमान में हम जो पेंसिल का इस्तेमाल करते है उसमे ग्रेफाइट का इस्तेमाल किया जाता है और यही पुराने सालो से चला आ रहा है। ग्रेफाइट को लेकर पुराने लोगो का मानना है की सन 1564 में इंग्लैंड में एक भयानक तूफान आया था और उस तूफान के कारण इंग्लैंड में बहुत से बड़े बड़े पेड़ उखड गए थे।

तूफान ख़तम होने के कुछ दिनों बाद जब कुछ चरवाहे अपनी बकरियों के लेकर जंगल में आये तो उन्होंने देखा की एक बड़ा पेड़ उखड़ा हुआ पड़ा है और पेड के जड़ो में बहुत सारा काला प्रदार्थ पड़ा हुआ था।

जब उन लोगो के काले प्रदार्थ को देखा तो उनको लगा की शायद यह काला प्रदार्थ कोयला है और उन्होंने उसे जलाने की कोशिश की लेकिन उन लोगो ने देखा की वह प्रदार्थ कोयले की भाँती नहीं जल रहा है तो उसके बाद वह उस काले प्रदार्थ को अपने भेड़ बकरियों के निशान बनाने में इस्तेमाल करने लगे।

उसके बाद धीरे धीरे इंग्लैंड के बाज़ारो में इस काले प्रदार्थ को कागज़ में भरकर बेचा जाने लगा। 16 वीं शताब्दी के अंत तक लोगो ने ग्रेफाइट (काले प्रदार्थ) से लिखना शुरू कर दिया था। ग्रेफाइट शब्द ग्रीक भाषा के ग्रेफो शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ होता है “निशान लगाना या लिखना”

ग्रेफाइट बहुत ही नरम और नाजुक होता है और इस कारण लोगो को इससे लिखने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था और इस कारण लोगो ने ग्रेफाइट को धागों में बांधकर लिखना शुरू कर दिया।

उसके बाद सन 1790 में फ्रांस और इंग्लैंड के बीच विवाद हो गया और इस कारण इंग्लैंड ने फ्रांस को सभी प्रकार की लेखन सामग्री और ग्रेफाइट देना बंद कर दिया।

उसके बाद फ़्रांसिसी लोगो को जरूरतों को देखते हुए यहाँ के शासकों ने कोई ऐसा उपाय खोजने के लिए कहा जिससे ग्रेफाइट का इस्तेमाल भी कम हो और उससे अच्छे से लिखा भी जा सके।

उसके बाद 1795 में Nicholas-Jacques Conte ने लकड़ी का इस्तेमाल करते हुए आधुनिक पेंसिल का निर्माण किया जिसने लोगो के लेखन को आसान बना दिया।

पेंसिल के क्या क्या उपयोग है?

पेंसिल के बहुत सी अलग अलग जगहों पर अलग अलग रूप में इस्तेमाल किया जाता है जैसे –

  1. आर्टिस्ट लोग पेंसिल का इस्तेमाल चित्रकला के लिए करते है।
  2. बहुत सी जगहों पर पेंसिल का इस्तेमाल मार्किंग के लिए भी किया जाता है।
  3. अधिकतर पेंसिल का इस्तेमाल बच्चों द्वारा किया जाता है क्योकि वह लिखने के दौरान अधिक गलतिया करते है और पेंसिल से लिखे हुए अक्षरों को पुनः मिटाया जा सकता है।

इस प्रकार पेंसिल को ख़ास कर लिखने के लिए ही इस्तेमाल किया जाता है। लिखने के लिए हम पेन का भी इस्तेमाल करते है तो क्या आपको पता है पेन और पेंसिल में क्या अंतर होता है?

पेन और पेंसिल में क्या अंतर है

पेन और पेंसिल में ज्यादातर कोई खास अंतर नहीं होता है लेकिन फिर भी आप इसके कुछ मुख्य अंतर को निम्न्लिखित बिंदुओं से समझ सकते है।

Pen (पेन) Pencil (पेंसिल)
पेन मुख्यतः प्लास्टिक का बना होता है। अधिकतर पेंसिल लकड़ी की बनी होती है। हालाँकि आजकल प्लास्टिक की भी पेंसिल बनना शुरू हो गयी है।
पेन में स्याही भरी होती है। पेंसिल में ग्रेफाइट का क्रोड होता है।
पेन से लिखा हुआ रबर से नहीं मिटाया जा सकता है। लेकिन पेंसिल से लिखे अक्षरों को रबर से मिटाया जा सकता है।

इस प्रकार अब आपको पेन और पेंसिल के बीच का अंतर अच्छे से समझ में आ गया होगा तो चलिए अब हम इस पोस्ट से सम्बंधित कुछ सवाल जवाबो के बारे में जान लेते है।

FAQs Related to Post

पेंसिल का आविष्कार कब और किसने किया?

वैसे तो पेंसिल के अविष्कार से पहले भी लोग अलग अलग तरीको से ग्रेफाइट का इस्तेमाल लिखने के लिए कर रहे थे लेकिन आधुनिक पेंसिल का सबसे पहले निर्माण सन 1795 में Nicholas-Jacques Conte ने किया था।

पेंसिल की खोज कब हुई थी?

सन 1795 में आधुनिक पेंसिल की खोज हुई थी।

पेन का अविष्कार किसने किया और कब किया?

पेन का अविष्कार जॉन जैकब लाउड (John Jacob Loud) ने 1888 में किया था जो की एक अमेरिकी वकील और लेदर का काम करने वाले व्यक्ति थे।

Conclusion –

तो दोस्तों इस प्रकार अब तक आपको अच्छे से पता चल गया होगा की Pencil का अविष्कार किसने किया और कब हुआ था साथ ही इस पोस्ट में बताई जानकारी आपके लिए उपयोगी भी रही होगी।

अगर आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आयी है तो इसे अपने सभी सोशल मीडिया दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे साथ ही अगर आपको हमारी इस पोस्ट से सम्बंधित कोई भी Doubts है तो आप हमे कमेंट करके बता सकते है।

Related Articles :-

मैं kamaikarle.com का Author और Content Writer हूँ। यहाँ हम आपको Online और Offline पैसे कमाने के तरीको के साथ ही तकनिकी, शिक्षा और फाइनेंस से जुडी जानकारी के बारे में विस्तार से बताते हैं।

Leave a Comment